पशु चिकित्सा के लिए आईसीयू ,है न अच्चम्भा ! जी हाँ ,देश की एक ऐसी गौशाला जहां गायों का आपरेशन व पशुओं के लिए आईसीयू की व्यवस्था है। यहीं नहीं इनकी देखरेख के लिए 65 डाक्टर, 268 स्टाफ , 21 एम्बुलेंस व निजी कम्पाउंडर भी तैनात हैं।
राजस्थान में पशुओं की सेवा के लिए नागौर के जोधपुर रोड़ पर स्थित श्रीकृष्ण गौशाला ने एक अलग पहचान बना ली है। देश की यह पहली बड़ी गौशाला है जहां पर न केवल गाय का बल्कि बैल, बंदर, हिरण सहित कई पशुओं की देखभाल की जाती है।
सरकारी पशु चिकित्सा में आपको वो तमाम सुविधा नजर नहीं आएगी जो इस गौशाला में उपलब्ध है। यह गौशाला अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। यही वजह है प्रदेश के कई वेटेनरी कॉलेज के छात्र यहां पर पशु चिकित्सा इलाज सीखने को आते हैं।इस गौशाला में आवारा व घायल गौवंश के लिए इतने बड़े पैमाने पर रहने व खाने पीने के सुविधा की गई है, जिसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे। यह देश की पहली ऐसी गौशाला है जहां पर घायल पशुओं के लिए ट्रॉमा सेंटर, आपताकालीन इकाई के अलावा आईसीयू और ऑपरेशन थियेटर की सुविधा भी उपब्लध है। घायल पशुओं को लाने के लिए करीब 21 एम्बुलेंस लगाई है। यह एम्बुलेंस गौशाला से 200 किमी की दूर तक की सभी घायल गायों को लेकर आती है। यहां बीमार गायों, बैल, हिरणों व बंदरों के लिए उनके रोग के हिसाब से अलग-अलग वार्ड बने हैं। साथ ही उनके इलाज के लिए कॅम्पाउडर की एक टीम हर वार्ड में हर वक्त मौजूद रहती है। यहां पर एक्सरे मशीन ब्लड यूनिट सहित वो तमाम सुविधा उपलब्ध है जो आपको सरकारी पशु चिकित्सालय में नजर नहीं आती है।
गौशाला के व्यवस्थापक लादू राम ने बताते हैं कि, ”नागौर जिले से सटे जिले से अगर किसी पशु के सड़क हादसे में घायल होने की सूचना मिलती है तो एम्बुलेंस के माध्यम से उन्हे गौशाला लाया जाता है और उनका इलाज किया जाता है। गंभीर रूप से घायल को आईसीयू वार्ड में भर्ती किया जाता है।”
”आमतौर पर इंसानों के बड़े से-बड़े अस्पताल का आईसीयू वार्ड 20 से 25 बेड को होता है लेकिन यहां बीमार गायों का आईसीयू वार्ड 100 से 150 गायों को एक साथ रखने ओर उनका उपचार करने की क्षमता रखता है। ऑपरेशन थियेटर में बीमार गायों के लिए बड़ा सा सीमेन्ट का बेड बना है, ऑक्सीजन व एक्सरे मशीन, तत्काल ऑपरेशन के लिए ब्लड जांच व अन्य सुविधाएं उपब्लध हैं।” लादू राम बताते हैं।
गौशाला के संचालक स्वामी कुशाल गिरी महाराज बताते हैं, ”2008 में इस गौशाला की नींव रखी गई। एक घायल गाय को सड़क पर बेसुध पड़ी देख गायों के प्रति उनकी श्रद्धा ने गौशाला संचालन की प्रेरणा दी। गौशाला मे वर्तमान मे करीब 2000 से भी ज्यादा गौवंश सहित अन्य पशु पक्षी हैं। इन पर हर माह करीब 90 लाख रुपए से भी ज्यादा का खर्चा हो रहा है। दानदाताओं के सहयोग से संचालित इस गौशाला को देखने के लिए देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। ”सरकारी पशु चिकित्सालयों में जिस तरह पशु चिकित्सा की कमी देखी जाती है ऐसे में श्रीकृष्ण गौशाला सरकारी इंतजामों को बौना साबित कर रही है।कृपया आप इस लेख को भी पढ़ें पशुपालन से सम्बंधित कुछ जरुरी बातें
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